Thursday, September 10, 2009
गांधी की पोतियों के साथ ऐसे विवरण दिखाना कितना भ्रामक
अभी श्री बेरोजगार जी के ब्लाग पर नजर पड़ी। उन्होंने गांधी के ब्रह्मचर्य प्रयोग की आलोचना की है और उनकी ओशो से तुलना की है। उन्होंने अपने विषय से संबंधित तस्वीरें भी दी है जिसमें गांधी जी दो लड़कियों के साथ प्रार्थना सभा की ओर जा रहे हैं। कितनी हैरत की बात है इन तस्वीरों को गांधी जी के प्रयोगों से जोड़कर दिखाना। यह गांधीजी की पोतियां हैं और सच है कि उन्होंने प्रयोग इन्ही के साथ किया। मैं आपको बताऊंगा कि गांधी हमारी पीढ़ी की उन अंतिम लोगों में से शामिल रहे हैं जिन्होंने अपने सत्य को जीया पूरी प्रामाणिकता के साथ। ओशो ने कहा है और सच भी कहा है कि ब्रह्मचर्य के लिए पहले सेक्स में उतरना होगा। यह सच है लेकिन गांधी का सत्य भी अपनी जगह है। एक तरह से वह हमारे समय के नीत्शे थे। जिसे ओशो ने सेक्स के सागर में उतर कर पाया। गांधी ने वह सचाई के सागर में उतर कर पाया। उन पर पत्थर फैंकना बहुत आसान है दोस्तों लेकिन उनके निर्दोष प्रेम को और देश के पतित लोगों के प्रति समर्पित जीवन को आत्मसात करना बहुत मुश्किल है। वैसे गांधी भी आपको वैसे ही क्षमा कर रहे होंगे जैसे कभी ईसा ने अपने विरोधियों को किया था।
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4 comments:
अरे जनाब आप भी किन गलियों की सफाई करने निकल पडे! कुछ 'बेरोजगार' तो खुद कालिख में घुसना पसंद करते हैं
बापू गाँधी की बराबरी तो इस धरती पर आकर खुदा भी नहीं कर सकता
लेखनी प्रभावित करती है.
बिलकुल सही कहा अपने -मैंने बहुधा कहा है की गांधी को समझने के लिए व्यक्तित्व में कुछ गांधी तत्व होना चाहिए !
सब देखने वाले के अपने दृ्ष्टिकोण पर निर्भर करता है...जिससे कि कुछ लोग अपने मन की धारणाओं को ही सत्य समझने की भूल कर बैठते हैं!!!
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