अमेरिका का उतरा या रूस का, क्या चक्कर है.
भारत के दो सबसे तेज न्यूज चैनल का दावा करने वाले आज तक और इंडिया टीवी में खबर आई है कि भारत की सीमा में एक कार्गो विमान घुस आया है। खबर के आगे देखिये, इंडिया टीवी विस्तार से बताता है कि विमान अमेरिका का है और इसके पायलेटों से घंटों बातचीत होने के बाद प्रशासन आश्वस्त हो गया है। उधर भारत का सबसे तेज चैनल आज तक बताता है कि रूसी विमान हमारी सीमा में घुस आया है। जो न्यूज चैनल यहां तक जानकारी रखते हैं कि सल्लू मियां ने ऐश्वर्या के बंगले के बगल से एक फ्लैट ले लिया है और शाइनी घटनाक्रम के तार झारखंड से जुड़े हैं क्या भारत की सिक्युरिटी के अहम मसले पर बिना तैयारी के ऐसा समाचार दे सकते हैं जो विरोधाभासी हो। दरअसल यह खबरों को परोसने का जमाना है, इंडिया टीवी की एन्कर कहती है कि आप जल्दी में हैं इसलिए हम आपको ट्वेंटी-ट्वेंटी स्टाईल में 20 खबरें संक्षिप्त रूप में बेहद जल्दी परोसेंगे। उधर आज तक के प्रभु चावला कहते हैं कि जब तक दो-तीन ब्रेकिंग न्यूज न सुन लूं , मेरा खाना नहीं पचता। तो अब यह मान लीजिए कि हमारा समय बदल गया है न्यूज हमारे लिए मनोरंजन है और जब तक इसमें कुछ नया नहीं घटेगा तब तक हमारे लिए यह ऊब से भरे सीरियलों का भी विकल्प नहीं देगा। मुझे लगता है कि चैनल तो टीआरपी का खेल करेंगे ही, जब तक प्रबुद्ध दर्शक हंस की तरह नीर-क्षीर का विवेक नहीं करेंगे तब तक मीडिया की गंभीर भूमिका कठिन ही है।
Friday, June 19, 2009
Saturday, June 6, 2009
मैने एक सपना देखा है।
सपने देखना अबूझ पहेली है मुझे लगता है कि हमारे रूटीन जीवन पर यह सार्थक हस्तक्षेप है। क्योंकि सपनों की दुनिया किसी बढ़िया फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह होती है जहां हम जीवन को अलग से जी पाते हैं। चेखव कहते थे कि सपने देखना आपको कालातीत बनाता है। क्योंकि यह अवचेतन मन की दुनिया होती है अधिक परिष्कृत और यहां पर अक्सर आप वह कारनामें कर लेते हैं जिनके बारे में सोच भी पाना अपने निजी जीवन में संभव नहीं है। बात यह भी होती है कि सपनों में हम अपनी अधूरी आंकाक्षाओं को भी जीते हैं। मसलन अपना कोई प्रिय जो बरसों पहले बिछड़ गया, अचानक सपनों के माध्यम से अपने निजी जीवन में प्रवेश करता है और कई बार दुःस्वपन भी, जैसे मुझे सपना आता है कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा में फिर से रूक गये हैं।
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