Sunday, March 28, 2010

शहीदों का सम्मान बुलडोजर से नहीं फूलों से करें डा साहब

शहीदों के सम्मान में मेले तो दूर छत्तीसगढ़ की सरकार ने उनकी आखरी स्मृतियों को मटियामेट करने का फैसला भी कर लिया है। रायपुर से गुजरते हुए एक स्थानीय अखबार में देखा कि सरकार ट्रैफिक की जरूरतों के अनुरूप जयस्तंभ चौक को हटाने जा रही है। यह बेहद हास्यास्पद स्थिति है कि जिस जगह पर प्रदेश के पहले शहीद वीर नारायण सिंह को तोप से उड़ाया गया, वहां पर अब स्मृति चिह्न की जगह पर बुलडोजर चलेंगे। यह बेहद दुखद है कि सरकार मामूली ट्रैफिक जरूरतों को पूरा करने के लिये प्रदेश के आत्मस्वाभिमान के साथ खिलवाड़ कर रही है। डा. साहब हमें ऐसा प्रदेश नहीं चाहिये जो अपनी अतीत की स्मृतियों से टूट चुका हो। उसमें जो विकास होगा वह केवल आर्थिक होगा वह किसी भी तरह से सुराज नहीं होगा।