Saturday, June 6, 2009

मैने एक सपना देखा है।

सपने देखना अबूझ पहेली है मुझे लगता है कि हमारे रूटीन जीवन पर यह सार्थक हस्तक्षेप है। क्योंकि सपनों की दुनिया किसी बढ़िया फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह होती है जहां हम जीवन को अलग से जी पाते हैं। चेखव कहते थे कि सपने देखना आपको कालातीत बनाता है। क्योंकि यह अवचेतन मन की दुनिया होती है अधिक परिष्कृत और यहां पर अक्सर आप वह कारनामें कर लेते हैं जिनके बारे में सोच भी पाना अपने निजी जीवन में संभव नहीं है। बात यह भी होती है कि सपनों में हम अपनी अधूरी आंकाक्षाओं को भी जीते हैं। मसलन अपना कोई प्रिय जो बरसों पहले बिछड़ गया, अचानक सपनों के माध्यम से अपने निजी जीवन में प्रवेश करता है और कई बार दुःस्वपन भी, जैसे मुझे सपना आता है कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा में फिर से रूक गये हैं।

1 comment:

Udan Tashtari said...

सही कहा आपने और ऐसे सपने परेशान कर जाते हैं.